
📍 नई दिल्ली — भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर ज़हर घुल गया है! भारत ने पाकिस्तान के एक टॉप राजनयिक को ‘Persona Non Grata’ घोषित कर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है। ये सिर्फ एक डिप्लोमैट को निकालने की बात नहीं है — ये है कड़ा संदेश!
लेकिन सवाल ये है — आखिर ये ‘Persona Non Grata’ होता क्या है? और क्यों सिंधु जल संधि, शिमला समझौता और वाघा बॉर्डर जैसी बातें एक बार फिर ट्रेंड कर रही हैं?
👤 ‘Persona Non Grata’ का मतलब?
ये एक इंटरनेशनल डिप्लोमैटिक टर्म है — जब कोई देश किसी विदेशी राजनयिक को कहता है: “अब तुम यहां वेलकम नहीं हो!”
मतलब सीधा-सीधा — अपना बैग उठाओ और निकलो!
भारत ने यह कदम उठाया है देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनयिक प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर।
🌊 सिंधु जल संधि पर फिर संकट?
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी ये संधि, जो पानी के बंटवारे को लेकर थी। लेकिन अब भारत ने कहा है — “अब बहुत हो गया!”
सूत्रों के अनुसार भारत सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार कर रहा है।
सोचिए ज़रा — जब पानी की बूंद-बूंद पर झगड़ा हो, तो दोनों देश कैसे साथ चलेंगे?
🕊️ शिमला समझौता: अब सिर्फ कागज का टुकड़ा?
1972 में जब इंदिरा गांधी और भुट्टो के बीच ये समझौता हुआ था, तो उम्मीद थी कि विवाद बातचीत से हल होंगे।
लेकिन क्या पाकिस्तान ने इस वादे को निभाया?
पुलवामा, उरी, और कश्मीर जैसे मुद्दों पर उसका रवैया देखकर तो जवाब “नहीं” ही लगता है।
🔥 भारत का बदला हुआ रवैया: अब चुप नहीं बैठेगा देश!
भारत अब साफ कह रहा है — अगर पाकिस्तान आतंक और छल की भाषा बोलेगा, तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा।
चाहे बात SAARC की हो या वाघा बॉर्डर की — भारत अब हर कदम सोच-समझकर उठा रहा है।
📢 आपका क्या कहना है?
क्या आपको लगता है कि भारत का ये एक्शन सही है?
क्या सिंधु जल संधि को अब रद्द कर देना चाहिए?
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